अरुण जेटली आईसीयू में, हालत स्थिर
सेहतराग टीम
देश के पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की हालत गंभीर बनी हुई है। उन्हें शुक्रवार को दिन में करीब 10 बजे दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया है। उनका इलाज आईसीयू में चल रहा है। गौरतलब है कि जेटली ने नरेंद्र मोदी की पहली सरकार ने कई तरह के आर्थिक सुधारों को गति दी थी। नोटबंदी जैसे बड़े फैसले को उन्होंने ही पूरी दक्षता से अंजाम तक पहुंचाया था।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जेटली को दिल की धड़कन तेज होने और बेचैनी की शिकायत के बाद एम्स में भर्ती कराया गया। एम्स प्रशासन ने बयान जारी कर कहा है कि उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। बयान के अनुसार आईसीयू में जेटली का इलाज चल रहा है और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उनके स्वास्थ्य की देखभाल कर रही है।
एम्स ने एक बयान में कहा, ‘अरुण जेटली को आज सुबह एम्स में भर्ती कराया गया। फिलहाल वह आईसीयू में हैं जहां विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बनी हुई है।’ जेटली (66) को सुबह करीब 10 बजे सांस लेने में तकलीफ के बाद कार्डियो-न्यूरो सेंटर में भर्ती कराया गया।
पूर्व वित्त मंत्री की खराब तबीयत की सूचना मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे जेटली का हालचाल लेने अस्पताल पहुंचे हैं।
सूत्रों ने बताया, उन्हें आईसीयू में निगरानी में रखा गया है। एंडोक्रायनोलॉजिस्ट, हृदयरोग और गुर्दा रोग विशेषज्ञों की टीम उनके स्वास्थ्य पर नजर रख रही है।
इसी साल मई में उपचार के लिए जेटली को एम्स में भर्ती कराया गया था। पेशे से वकील जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली पहली राजग सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। हालांकि जेटली ने अपने स्वास्थ्य कारणों से 2019 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था।
पिछले वर्ष 14 मई को जेटली का किडनी प्रतिरोपण हुआ था। अप्रैल 2018 से ही उन्होंने कार्यालय आना बंद कर दिया था और 23 अगस्त, 2018 को वित्त मंत्रालय में लौटे थे।
पिछले साल उन्हें लंबे इलाज के लिए अमेरिका जाना पड़ा था। उस समय खबरें आई थी कि जेटली सॉफ्ट टिश्यू के कैंसर से पीड़ित हैं और उसी के इलाज के लिए उन्हें अमेरिका जाना पड़ा था। हालांकि आधिकारिक रूप से कैंसर के बारे में कभी कुछ नहीं गया।
भारतीय जनता पार्टी के लिए पिछला कुछ समय नेताओं के स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद खराब बीता है। गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर लंबे समय तक कैंसर से लड़ाई लड़ते रहे। इसी प्रकार पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी किडनी की परेशानी और फिर किडनी प्रत्यारोपण का सामना पूरे दम-खम से किया।
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